प्रसिद्ध हिंदी कहावतें एवं हिंदी मुहावरे Muhabra in Hindi

प्रसिद्ध हिंदी कहावतें एवं हिंदी मुहावरे

प्रसिद्ध हिंदी कहावतें एवं हिंदी मुहावरे

1- अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता ।

2- अक्ल का चरने जाना - (समझ का अभाव होना) - इतना भी समझ नहीं सके ,क्या अक्ल चरने गए है ?

3- अपना हाथ जगन्नाथ:- स्वंय के द्वारा किया गया कार्य ही महत्वपूर्ण होता है.

4- सौ सुनार की एक लुहार की :- एक महत्वपूर्ण कार्य कई अनर्गल कार्यों से ज्यादा सटीक होता है.

5- सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को :- धूर्त व्यक्ति द्वारा धिकावे का किया गया अच्छा कार्य

6- सर सलामत तो पगड़ी हजार:- व्यक्ति बाधाओं से मुक्त हो जाये तो अन्य वस्तुओं की परवाह नहीं करनी चाहिए.

7- नांच ना जाने आँगन टेढा:-स्वंय की अकुशलता को दूसरों पर थोपना.

8- अन्धों में काना राजा:-मूर्खों में  कम विद्वान भी श्रेष्ठ माना जाता है.

9-  घर का भेदी लंका ढाए:- राजदार ही विनाश का कारण बनता है.

10- गरजने वाले बरसते नहीं हैं :- शक्तिहीन व्यक्ति निरर्थक चिल्लाता है. वह कुछ कर नहीं सकता है.

11- बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद :- मुर्ख एव असक्षम व्यक्ति किसी अच्छी एव मूल्यवान वस्तु का मोल नहीं जान सकता है.

12- अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए ।

13- अपना उल्लू सीधा करना - (मतलब निकालना) - आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है ।

14- आँखे खुलना - (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है ।

15- आँख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा माँ -बाप की आँखों का तारा होता है ।

16- आँखे दिखाना - (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा ।

17- आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है ।

18- ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।

19- ईंट का जबाब पत्थर से देना - (जबरदस्त बदला लेना) - भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा ।

20- ईद का चाँद होना - (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) - राम ,तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते ,ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो ।

21- उड़ती चिड़िया पहचानना - (रहस्य की बात दूर से जान लेना) - वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती ।

22- उन्नीस बीस का अंतर होना - (बहुत कम अंतर होना) - राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है ।

23- उलटी गंगा बहाना - (अनहोनी हो जाना) - राम किसी से प्रेम से बात कर ले ,तो उलटी गंगा बह जाए ।

24- घायल की गति घायल जाने : दुखी व्यक्ति की हालत दुखी ही जानता है।

25- चट मँगनी पट ब्याह : शीघ्रतापूर्वक मंगनी और ब्याह कर देना, जल्दी से अपना काम पूरा कर देने पर उक्ति।

26- चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय : बहुत अधिक कंजूसी करने पर उचित।

27- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात : थोड़े दिनों के लिए सुख तथा आमोद-प्रमोद और फिर दु:ख।

28- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता : बेशर्म आदमी पर किसी बात का असर नहीं होता।

29- चिकने मुँह सब चूमते हैं : सभी लोग बड़े और धनी आदमियों की हाँ में हाँ मिलाते हैं।

30- बेवकूफ मर गए औलाद छोड़ गए : जब कोई बहुत मूर्खता का काम करता है तब उसके लिए ऐसा कहते हैं।

31- चोर-चोर मौसेरे भाई : एक व्यवसाय या स्वभाव वालों में जल्द मेल-जोल हो जाता है।

32- चोरी और सीनाजोरी : अपराध करना और जबरदस्ती दिखाना, अपराधी का अपने को निरपराध सिद्ध करना और अपराध को दूसरे के सिर मढ़ना।

33- छूछा कोई न पूछा : गरीब आदमी का आदर-सत्कार कोई नहीं करता।

34- छोटा मुँह बड़ी बात : छोटे मनुष्य का लम्बी-चौड़ी बातें करना।

35- जंगल में मोर नाचा किसने देखा : जब कोई ऐसे स्थान में अपना गुण दिखावे जहाँ कोई उसका समझने वाला न हो।

36- जब तक जीना तब तक सीना : जब तक मनुष्य जीवित रहता है तब तक उसे कुछ न कुछ करना ही पड़ता है।

37- जल की मछली जल ही में भली : जो जहाँ का होता है उसे वहीं अच्छा लगता है।

39- थोथा चना बाजे घना : दिखावा बहुत करना परन्तु सार न होना।


40- दूर के ढोल सुहावने : किसी वस्तु से जब तक परिचय न हो तब तक ही अच्छी लगती है।